Police mobile app 'Pratibimb' will find the hideouts of cyber criminals in a moment
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पुलिस का मोबाइल ऐप ‘प्रतिबिंब’ पलभर में ढूंढेगा साइबर क्रिमिनल्स के ठिकाने, पढ़ें क्या है खास; कैसे करता है काम

Police mobile app 'Pratibimb' will find the hideouts of cyber criminals in a moment

Police mobile app 'Pratibimb' will find the hideouts of cyber criminals in a moment

Police mobile app 'Pratibimb' will find the hideouts of cyber criminals in a moment- साइबर क्राइम पर अंकुश के लिए झारखंड पुलिस ने 'प्रतिबिंब' नामक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप की मदद से उन मोबाइल नंबरों की शिनाख्त और उनके रियल टाइम लोकेशन की जानकारी तुरंत मिल जाएगी, जिनका उपयोग साइबर क्राइम के लिए किया जा रहा है। इस ऐप का इस्तेमाल फिलहाल पुलिस करेगी। इससे साइबर क्रिमिनल को ट्रैक करने और उसके खिलाफ कार्रवाई में सहूलियत होगी।

राज्य के पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह ने बुधवार को रांची में यह ऐप लॉन्च किया। साइबर क्रिमिनल चाहे देश के किसी भी शहर या ठिकाने से मोबाइल के जरिए सक्रिय हों, उन्हें ट्रैक किया जा सकेगा। उनके मोबाइल नंबर का जियोग्राफिकल लोकेशन ऐप पर आ जाएगा। साइबर क्राइम कंट्रोल के लिए रांची में झारखंड सहित देश के छह राज्यों की पुलिस की चल रही वर्कशॉप के दौरान इस ऐप का प्रदर्शन किया गया।

वर्कशॉप में वेस्ट बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और यूपी के अधिकारी के साथ ईडी, सीबीआई, डीओटी, डीआईबी और आरबीआई के अधिकारी शामिल हुए। पुलिस के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि यह ऐप साइबर क्राइम के जामताड़ा मॉड्यूल के खिलाफ बेहद कारगर साबित होगा। इस ऐप के ट्रायल के दौरान पाया गया कि देश के विभिन्न राज्यों में प्रतिदिन ढाई से तीन हजार साइबर क्रिमिनल मोबाइल पर सक्रिय रहते हैं।

अब ऐप के माध्यम से संबंधित जिलों की पुलिस को साइबर क्रिमिनल्स की गतिविधियों की मैपिंग तुरंत भेजी जा सकेगी। उम्मीद की जा रही है कि झारखंड में साइबर अपराधियों के खिलाफ अब पुलिस के एक्शन में तेजी आ सकेगी। साइबर क्राइम के आंकड़ों की बात करें राजस्थान के बाद झारखंड देशभर में दूसरे स्थान पर है। झारखंड में पिछले साढ़े चार साल (साल 2019 से जुलाई 2023 तक) साइबर अपराध के 5,350 मामले सामने आये हैं।